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किसानो को अब पराली जलाने की जरूरत नहीं – नाडेप कम्पोस्ट खाद बनेगी कमाई का वैकल्पिक श्रोत- हरियाणा में सैनी सरकार ने तैयार किये विकल्प-अरुण

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(बरखाराम धीमान )
samajjagran24tv.com
नारायणगढ/ बिलासपुर–नाडेप कम्पोस्ट खाद का वैकल्पिक श्रोत खाद संकट का हल और कृषि विकास क्षेत्र में कृषक आमदनी का नया स्वरूप देगी पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न जी की स्वेच्छिक संस्थान गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन का समाज कार्य अनुसंधान केंद्र हरियाणा में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषकों की शिखर सोच से नया मार्ग देने की तैयारी में है -जिसका अनुशरण अन्य राज्य भी करके संकट मुक्त हो सकेंगे –
यह बात नाडेप कम्पोस्ट गौधन विकास स्वेच्छिक योजना के कार्यकारी प्रमुख एवं गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन के चेयरमेन पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न नंदा जी के परम शिष्य श्री कृष्णराज अरुण का कहना है की

गौर करें तो पाराली जलेगी नहीं अब –उसकी गांठे बनकर बिकेंगी –

देश के आगे जल्द ही यह प्रयोग सामने रखा जायेगा कि अब बहुत जल्द हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी सरकार के इरादों को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ इस योजना का कार्य का श्री गणेश किया जायेगा।

समाज विज्ञानी श्री अरुण का कहना हैकि कृषको में जागृति लाना जागरूकता फैलाना एक वैकल्पिक मिशन बनाये बिना संकट समाधान नहीं होगा क्योंकि कृषक यदि समझ जाएँ कि अगर आप पराली को कूड़ा समझते हैं तो यह भारी भूल है. पराली ऐसी चीज है जिससे किसान कई मायनों में फायदे ले सकते हैं. अगर किसान इसका ठीक से प्रबंधन करें तो इससे फसल की उपज बढ़ाई जा सकती है. इससे फसल की पैदावार बढ़ सकती है। पराली को किसान जलाने की बजाय उसका सही उपयोग कमाई के लिए कर सकें के लिए फतेहाबाद जिले में प्लांट के लिए कृषि विभाग सहयोगी कम्पनी के साथ बड़ी तैयारी में है जिससे किसान आर्थिक रूप से बेहद मजबूत होंगे।
श्री अरुण का कहना हैकि किसान समझें कि पराली कूड़ा नहीं आपके लिए जीवित पराली कई विकल्पों में आवक धन है जो आपकी फसल को दुगना तिगुना करेगा –
आप चाहें तो पराली से घर पर ही कई प्रकार की जैविक खाद बना सकते हैं. –
आपको पराली जलाने की कतई जरूरत नहीं.

नाडेप कम्पोस्ट सहित वर्मी कम्पोस्ट बनाने का पूर्ण आधार पूर्ण श्रोत है -पराली से घर बैठे वर्मी कंपोस्ट बना सकते हैं.–

बस आपको जानना है कि पराली से कैसे खाद बना सकते हैं. इसके लिए आपको पराली जुटानी होगी और उसे सड़ा कर खाद बना सकते हैं. यह खाद फसलों को बड़ा फायदा पहुंचाएगी।
ध्यान रहे सबसे सरल विधि से तैयार होने वाली उच्च गुणवत्ता से जुडी गाय गोबर से संयुक्त नाडेप कम्पोस्ट खाद आपकी जमीनों की उपज बढ़ाने का सबसे बड़ा संकट मुक्त वरदान है। आप घर बैठे पराली से कंपोस्ट बना सकते हैं. इसी में एक है नाडेप कंपोस्ट जिसे बनाकर किसान आसानी से कमाई कर सकते हैं. यह ऐसा कंपोस्ट है जिसकी मांग बहुत है और इसे बेचकर किसान अच्छी कमाई ले सकते हैं. बस आपको अपनी पराली बचाकर रखनी है और उससे कंपोस्ट बनाना है-
पराली में नाडेप कम्पोस्ट सहित वर्मी कम्पोस्ट बनाने का पूर्ण आधार पूर्ण श्रोत है -पराली से घर बैठे वर्मी कंपोस्ट बना सकते हैं. इस वर्मी कंपोस्ट से किसान की कमाई बढ़ जाएगी क्योंकि शहर से लेकर देहात तक इस खाद की भारी मांग है. लोग इसे घर पर बनाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. आप भी पराली से वर्मी कंपोस्ट बनाकर कमाई बढ़ा सकते हैं-
पराली आपके लिए जैविक अस्त्र है जिसके निर्माण से जमीन की शक्ति बढ़ेगी –
इस योजना से प्रदूषण मुक्त माहौल पैदा करने पर किसान देश में सम्मानित होंगे वे समाज की नजर में राष्ट्र की नजर में और भी महत्वपूर्ण हो जायेंगे –
मानकर चलिए पराली को आपको कूड़ा या बेकार की घास नहीं समझनी चाहिए. पराली ऐसी चीज है जिसे खेतों में ऑर्गेनिक खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. जुताई से पहले उस पराली को मिट्टी में दबा दें. यही पराली सड़कर खाद में तब्दील हो जाएगी. यह खाद आपके लिए ऑर्गेनिक खेती में मदद करेगी।
केंचुआ खाद में भी पराली खास उपयोगी –
श्री अरुण अनुसार केंचुआ खाद बनाना चाहते हैं तो आपके लिए पराली बहुत अच्छा विकल्प है-केंचुआ खाद बनाने के लिए भूसा या पराली की अधिक जरूरत होती है. इसी से केंचुए पनपते हैं. आप चाहें तो घर बैठे इस पराली को बेचकर कमाई कर सकते हैं. केंचुआ खाद बनाने वाली आपकी पराली को खरीद लेंगे।
पराली को जला देने से उसका कोई फायदा नहीं होता.
यहां तक कि धुएं से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. लेकिन उसी पराली को खेत में छोड़ दें तो वह सड़कर खाद का काम करती है. इससे खेत उपजाऊ बनता है. इससे खेत में लगने वाली खाद की मात्रा कम होती है. इससे किसानों का खर्च बचता है।
अब पराली से सीएनजी भी तैयार हो रही –
जागरूक उन्नतिशील किसानो की समझ से जल्द ही देश में ईंधन संकट निपटेगा सीएनजी की कमी नहीं होगी बल्कि सस्ता होगा। यहांतक की देश में बाराबंकी जिले सहित अब हरियाणा में भी तेजी से पराली, गोबर और हरे-गीले कचरे से बायोगैस का प्रोडक्शन किया जा रहा है. इस प्लांट से रोज करीब 60 टन बायोगैस का उत्पादन होगा.देश के कुछ जगह में करोड़ों की लागत से यूनिट लगाई गयी हैं। यानी अब इस प्लांट से रोज करीब 60 टन बायोगैस का उत्पादन होगा।
हरियाणा में होगा पराली विकल्प पाराली बेचते किसानो को पैसा भरपूर –
खबरों पर गौर करें तो पाराली जलेगी नहीं अब उसकी गांठे बनकर बिकेंगी – वर्ष 2025 सुखद होगा लगता है कोई किसान मायूस नहीं होगा पराली जलाने के लिए खबर बताती है की हरियाणा में कुछ जगह पर कृषि विभाग ने किसानों को अनुदान पर 200 बेलर और 2480 सुपर सीडर मशीनें उपलब्ध कराई हैं। इसके अलावा भूना पावर प्लांट के 26 बेलर अपने स्तर पर फसल अवशेषों का प्रबंधन कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा किसानों को मासिक किराये के आधार पर 3 बेलर एवं अन्य मशीनरी दी गई है, जिससे 4500 मीट्रिक टन गांठ का उत्पादन होगा। इसके अलावा, विभाग फसल अवशेषों का प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगा और 4,776 किसानों ने पोर्टल पर इसके लिए आवेदन किया है।

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