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गीता प्रेस गोरखपुर को मिलेगा… 2021शांति पुरुस्कार – प्रधानमंत्री वाली जूरी का निर्णय –

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– समाज जागरण 24TV –
-राष्ट्रीय राजधानी डेस्क प्रमुख –
-कृष्णराज अरुण –
नई दिल्ली – संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुनने का फैसला किया है -पीएम मोदी ने रविवार (18 जून) को ट्वीट किया, “लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में गीता प्रेस ने पिछले 100 वर्षों में सराहनीय काम किया है. मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं।

गांधी शांति पुरस्कार महात्मा गांधी द्वारा स्थापित आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में 1995 में भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार के रूप में चुनने का फैसला किया।
इस पुरस्कार की उपयोगिता में गीता प्रेस का योगदान सर्वोत्म सामने आया है इसलिए साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को प्रदान किया जाएगा. गीता प्रेस को ये पुरस्कार ‘अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान’ के लिए दिया जाएगा।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने गीता प्रेस को लेकर क्या कहा?

संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने शांति एवं सामाजिक सद्भाव के गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देने में गीता प्रेस के योगदान को याद किया. इसमें कहा गया है कि पीएम मोदी ने कहा कि गीता प्रेस को उसकी स्थापना के सौ साल पूरे होने पर गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना संस्थान की ओर से सामुदायिक सेवा में किए गए कार्यों की पहचान है।
गीता प्रेस की शुरुआत साल 1923 में हुई थी और ये दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें श्रीमद्‍भगवद्‍गीता की 16.21 करोड़ प्रतियां शामिल हैं. गांधी शांति पुरस्कार एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसकी शुरूआत सरकार ने 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांधी की ओर से प्रतिपादित आदर्शों को सम्मान देते हुए की थी।

विजेता को क्या मिलता है?

मंत्रालय ने कहा कि पुरस्कार किसी भी व्यक्ति को दिया जा सकता है चाहे उसकी राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग कोई भी हो. मंत्रालय ने कहा कि पुरस्कार में एक करोड़ रुपये, एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा वस्तु शामिल है. हाल के समय में सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद, ओमान (2019) और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, बांग्लादेश (2020) को यह पुरस्कार दिया गया है।

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