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तूफानी बारिस ने बना दी देश की राजधानी दिल्ली झीलों का एक और महानगर – विकास का यह चेहरा दिल्ली की भावी बारिस कैसे झेलेगा – ?

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samaj jagran 24tv -के आर अरुण –
नई दिल्ली एनसीआर डेस्क – मानसून इसबार जून में पहले ही आने की आहट दे चुका है – उससे पहले ही दिल्ली की सड़कें झीलों की तरह भरी दिख रही हैं। दिल्ली का विकास किन सिद्दांतों पर हुआ है पिछली सरकारों ने जी भरकर दोहन किया। विकास जो हुआ है वह दिल्ली की बदहाल सड़कें तालब बन चुके रोड से साफ़ जाहिर है नई सरकार को कितना पापड़ बेलना पड़ेगा बदहाली बदलने के नामपर।
मुख्य नई दिल्ली के इलाकों में बारिस का कहर किस कदर हाल बेहाल है तस्वीरे साफ़ बता रही हैं। अभी तो बार्डर एरिया कुंडली से लेकर सबसे बदहाल कंझावला की कहानी बदहाली को बदलने में काफी गौर करने लायक कदमों को समझना बाकी है। नरेला से लेकर कई क्षेत्र पानी पानी हो चुके हैं। खासकर एनसीआर गुरुग्राम को समझना कहना बाकी है। दिल्ली के सफदरगंज इलाके में एम्स अस्पताल के आप-पास के इलाके में भी भारी जलभराव देखने को मिला. जलभराव में कई गाड़ियां डूबी हुई नजर आई. दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में जलभराव की समस्या बनी हुई है।
गौर करें जो जरूरी है –
दिल्ली का मौजूदा विकास पैटर्न, जिसमें बड़े पैमाने पर शहरीकरण और निर्माण शामिल है, आगामी बारिश के लिए कुछ चुनौतियों और अवसरों दोनों प्रस्तुत करता है। शहर के जल निकासी और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होगा ताकि भारी बारिश के दौरान बाढ़ को रोका जा सके। साथ ही, शहरी ग्रीन स्पेस और जल संरक्षण उपायों का विस्तार करके, शहर को अधिक लचीला बनाया जा सकता है।
मौजूदा जल निकासी प्रणाली भारी बारिश की चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है, जिससे जलभराव और सड़कों पर पानी जमा हो सकता है।
अव्यवस्थित निर्माण:
कई मामलों में, निर्माण के दौरान जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं की जाती है, जिससे बारिश का पानी खुले में जमा हो जाता है और बाढ़ का कारण बनता है।
जन समुदाय यानी भारतीय जाग्रत समाज को भागीदारी दिए बिना अकेले प्रसासन मुक़ाबला नहीं कर सकता इसलिए स्वेच्छिक संस्थाओं को आगे आना ही होगा। जैसा की न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया की फ़िट इंडिया टीम शोध को समझें तो दिल्ली का आगामी विकास पैटर्न आगामी बारिश के लिए कुछ चुनौतियां प्रस्तुत करता है, लेकिन शहर में जल निकासी प्रणाली को मजबूत करके, जल संरक्षण उपायों को लागू करके, और शहरी ग्रीन स्पेस को बढ़ाकर, शहर को अधिक लचीला बनाया जा सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि दिल्ली भविष्य की बारिश के लिए तैयार हो, शहर की योजना में इन चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करना महत्वपूर्ण है।

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