नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 9817784493 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , दिल्ली में गर्मी की मार के चलते धधकती आग एक नई आफत – गाजीपुर के कूड़े के ढेर में लगी आग बुझाने में 10 दमकल गाड़ियां जेसीबी जुटी – – समाज जागरण 24 टीवी

दिल्ली में गर्मी की मार के चलते धधकती आग एक नई आफत – गाजीपुर के कूड़े के ढेर में लगी आग बुझाने में 10 दमकल गाड़ियां जेसीबी जुटी –

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

( समाज जागरण 24 TV )
– कृष्ण राज अरुण –
राजधानी दिल्ली – रविवार का दिन ढलती शाम भरी बढ़ती गर्मी की चपेट के चलते एक नाइ आफत ने घेर लिया है। गाजीपुर स्थित कूड़े के पहाड़ ढेर में लगी आग से दिल्ली धुआं ही धुआं लोगों के लिए आँखों में जलन लेकर हैरानी पैदा करता जा रहा है। इस भयावह आग को बुझाने को दस दमकल गाड़ियां तैनात पानी की तेज बौछार काबू नहीं पा सकी जबकि जैसीबी का कमाल कुछ सफल होता दिखा है। दिल्ली प्रसाशन हर कोशिश में है कि जल्द परिणाम नजर आये ताकि घुटन से निजात मिले।
बतादें कि पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर स्थित कूड़े के पहाड़ में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने कूड़े के पहाड़ के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। आग चारों तरफ फैल गई खबर लिखे जाने तक आग अभी पूरी काबू नहीं हुई है। आसपास की कालोनियां बेहद परेशान दिखी हैं लोगों का कहना है कि दमघोटू वातावरण बना हुआ है। गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने का सिलसिला जारी है। अभी भी आग बुझाने की कोशिशें जारी है। दिल्ली फायर सर्विस एसओ नरेश कुमार ने बताया कि आग लैंडफिल में पैदा हुई गैस के कारण लगी थी। इस घटना से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
दिल्ली में यह कूड़े का पहाड़ पहले भी मुसीबत दे चुका तब भी समाधान नहीं ?
कालोनियों से जुड़े स्थानीय लोगों का कहना है नगर निगम को लैंडफिल पर आग न लगे इसका कोई स्थायी समाधान निकालना चाहिए। ऐसी घटना पहले भी वर्ष 2020 में गर्मियों में लैंडफिल पर पांच दिन तक आग लगी थी, बड़ी मुश्किल से दमकल व निगम ने काबू पाया था।मगर घटना के बाद कोई ठोस समाधान नहीं निकाला और अब परिणाम सबके सामने है।
गाजीपुर लैंडफिल साइट का
क्षेत्रफल- 70 एकड़ है -यह 1984 से आरम्भ है। इसकी
ऊंचाई कितनी हो गई थी- 65 मीटर
ऊंचाई (वर्तमान)- 50 मीटर है।
पहले कितने कचरा था- 140 लाख टन
वर्ष 2024 में इस लैंडफिल को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है।
आसपास की कालोनियाँ बदबू और घुटन झेलती हैं मगर स्थानीय आवाज को कोई नहीं सुनता। स्थानीय निवासी सुमित ने कहा कि मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्रशासन लापरवाही बरत रहा है, धुएं का बुजुर्गों पर गंभीर असर होगा। बाकी लोगों ने कहा कि कुछ ठीक नहीं होने वाला, सब वादे हैं, बस। गंदगी, आग और धुएं में रहने की आदत डाल ली है हमनें, क्या करें। वे बेहद उदास व निराश मन से बताते हैं कि साल में कई बार आग लगती है। हालात सुधारने के कई वादे प्रशासन और नेताओं ने किए थे, लेकिन कुछ हुआ ही नही ।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30