दिल्ली उपराज्यपाल सक्सेना चींतित -दिल्ली सीएम को लिखा कड़ा पत्र – दुनिया की सबसे प्रदूषित-अपवित्र राजधानी बनी दिल्ली-
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samajjagran24tv –
-कृष्णराज अरुण –
नई दिल्ली — (कंट्री एन्ड पालिटक्स डेस्क )- दुनिया की सबसे प्रदूषित-अपवित्र राजधानी बन गई राष्ट्रीय सुर्खियों को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीवास्तव में महामहिम उपराज्य पाल सही दर्शा रहे हैं मगर यह नैतिक जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की मुख्य होने के साथ हर जीवित समाज संस्था की बनती हैकि वह ध्यान केन्द्रित करे और चेतना सतर्कता की आवाज में कदम बढ़ाये –
– अनदेखी कहें या प्रशासन की लापरवाही कहें –
वास्तव में दिल्ली सरकार की नैतिक जिम्मेदारी के साथ सभी चिंतक संस्थाओं पर्यावरण स्वछता मिशन प्रेमियों को हैरान करने के लिए यह काफी है कि दिल्ली को–एक बार फिर से विश्व स्तर पर सर्वाधिक प्रदूषित राजधानी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। 2023 में यहां पीएम 2.5 का औसत वार्षिक स्तर 102.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया है, जो उसे दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनाता है। 2022 में यह आंकड़ा 92.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
देखने वाली बात गौर करना होगा सतर्कता और कर्तव्यता के लिए –
रीजन एंड सिटी पीएम 2.5 रैकिंग के अनुसार, दिल्ली 2018 से लगातार चौथी बार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में रही है। 2022 में यह तीसरे नंबर पर थी, लेकिन इस वर्ष फिर से पहले नंबर पर आ गई।वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2023 में यह भी अनुमान है कि भारत में 1.36 अरब लोग पीएम 2.5 की उच्च सांद्रता की चपेट में हैं, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित वार्षिक स्तर पांच माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार 2023 में दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में 83 भारत के रहे हैं।
समीक्षक अनुसार who की एक रिपोर्ट भी प्रदूषण हानि और मौतों के लिए पैदा होती बिमारियों को रोकने में विफलता जो हाथ लगती है उसमे हमारे सिस्टम की मूक दर्शक उदासीनता एक खास कारण है।
-जैसाकि इन कारणों से बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर-
वाहनों का धुआं-
– कोयला और कचरा जलाने से निकलने वाला धुआं
पराली का धुआं-
-सर्दी से बचने और ईंधन के रूप में जीवाश्म ईंधन जलाना
-धूल
वास्तव में चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि भारत व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र जिन पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहा है, वे इसकी विशाल आबादी के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर रही हैं। वाहन उत्सर्जन वायु प्रदूषण को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो दिल्ली में पीएम 2.5 उत्सर्जन का 40 प्रतिशत है। समय पूर्वक सचेत ना हुए तो भारी जानमाल गंवाने में मानवता शर्मशार होगी जैसा की हम विपदाएं झेलते मुश्किल से निकले है।
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