नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 9817784493 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , सौर ऊर्जा के लाभ: पर्यावरण के अनुकूल: यह जीवाश्म ईंधन की तरह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करती – समाज जागरण 24 टीवी

सौर ऊर्जा के लाभ: पर्यावरण के अनुकूल: यह जीवाश्म ईंधन की तरह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करती

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

मिसेज राजश्री ठाकुर
samajjagran24tv.com
चंडीगढ़ / सौर ऊर्जा के लाभ: पर्यावरण के अनुकूल: यह जीवाश्म ईंधन की तरह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करती, जिससे यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अक्षय ऊर्जा: यह ऊर्जा का एक अक्षय स्रोत है जो कभी समाप्त नहीं होगा। कम खर्चीला: सौर ऊर्जा का उपयोग शुरुआती निवेश के बाद कम खर्चीला होता है।
यह बात गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन ने समाज कार्य अनुसंधान के तहत पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न नंदा जी की स्मृति में नैतिक वर्ष जागृति मिशन तहत कही है.उन्होंने कहा की हरियाणा पंजाब हिमाचल उत्तराखंड को सौर ऊर्जा सम्पन्नं राज्य मतलबी जैविक राज्य मिशन से जोड़ने के लिए युद्द स्तर पर सहभागिता होनी चाहिए।
वैज्ञानिक तकनीक से सौर वहां भी कामयाबी दिलाने के यंत्र दिए जा रहे हैं जहाँ के मकान में कम धुप होती है –

समाज विज्ञानी श्री अरुण ने कहा की इसके समाधान: विचार करने के लिए कई तत्व हैं, और कुछ आसानी से सूर्य के प्रकाश की कमी की भरपाई कर सकते हैं। ये वे सभी चीज़ें हैं जिन पर आपको अपने क्षेत्र में ध्यान देना चाहिए:
देखना यह ख़ास होता हैकि आपकी बिजली की लागत कितनी है? – भले ही ज़्यादा धूप न हो, एक उच्च बिजली बिल पूरे सिस्टम के पेबैक और आरओआई निवेश पर रिटर्न को कम कर देता है।
भारत में जेर्सी रायसेन जिले में सोलर सिटी बनी सांची शहर और गुजरात में मेहसाणा जिले में खास गावों सोलर विलेज है उस मॉडल की अन्य राज्यों में उपयोगिता जाग्रत होनी चाहिए। वास्तव में हरियाणा में उचाना गावों में सोलर विलेज को लेकर हल्की झलक जगी फिर गायब दिखी। वैसे ही 2022 में उत्तराखंड में एक हजार गावों सोलर बंनने का नगाड़ा बजा फिर कहीं कोई खबर नहीं आई है की वे कहाँ हैं जिनसे अन्य लोग प्र्रेरणा ले सकें। हाँ मध्य प्रदेश में आदिवासी गावों घोड़ा डोंगरी बैतूल जिले में अवश्य 75 घर से सफलता दिखी है। गुजरात मॉडल नरेंद्र मोदी कल्पना भले ही सोचते हों पर उसमे टिके रहना नजर रखना उन्हें प्रोत्साहित करना सभी राज्य मुखियाओं के बस के बात नहीं लगती।
गावों भी अभी हरियाणा पंजाब उत्तराखंड अधूरे हैं इस महत्व में प्रोत्साहन कारण –
सरकार जो देगी व्ही लेंगे परम्परा विकसित से गावों या शहर आत्मनिर्भरता नहीं पकड़ेंगे जबकि राज्य सरकारों का ऊर्जा मंत्रालय इसे लोगों को जागरूक बनाये की सौर प्रणाली से से पर्यावरण की रक्षा होगी राज्य में जैविक राज्य मजबूत होगा।
जोलोग लगाने में डरते हैं वे एक्सपर्ट से पता करें नुक्सान कहाँ है जैसेकि –
स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय प्रोत्साहन कार्यक्रम, छूट और कर क्रेडिट की जाँच करें- भारत के मंंत्रा लय और सौर उद्यम्म उत्पाद में कई छूट और प्रोत्साहन उपलब्ध हैं।
सोलर सिटी – सोलर विलेज पर्यावरण रक्षा सहित आपदा मुक्त आत्म निर्भरता के सूर्य बन सकते हैं भारत के राज्य –
खास यह हैकि घर घर सौर योजना यानी सौर ऊर्जा से चलने वाला घर घर के मालिकों को उनके ऊर्जा बिलों पर काफी पैसा बचा सकता है, इसलिए यह निश्चित रूप से आपके क्षेत्र में इसे काम करने के तरीकों की जांच करने लायक है!
भर्मित आलसी लोग ज्यादा पिछड़ रहे हैं –
कुछ लोग सोचते हैं कि सौर ऊर्जा केवल उन लोगों के लिए एक विकल्प है जो धूप वाले मौसम में रहते हैं या जिनकी छतें दक्षिण की ओर हैं। इसमें कई श्रोत हैं जहाँ आपके घर में सौर पैनलों को शामिल करने के कई तरीके हैं, चाहे उसका स्थान या दिशा कुछ भी हो। हां, पेड़ों या इमारतों की छाया आपके पैनल द्वारा उत्पन्न सौर ऊर्जा की मात्रा को कम कर सकती है।
लेकिन आपके उत्पादन को अधिकतम करने के अभी भी बहुत सारे तरीके हैं। इसलिए थोड़ी सी छाया को भी आपको धूप में जाने से न रोकें।
कई पेनल रात को भी बिजली पैदा करने में सक्षम हैं –
जैसेकि मल्टीलेयर पैनल्स इनमें मल्टीलेयर पैनल लगे होते हैं ये धूप से भी बिजली बनाएं और उसके बिना इन्फ्रारेड रेडिएशन से भी। यदि कोई पैनल इन्फ्रारेड रेडिएशन का इस्तेमाल करते हुए, रात में भी बिजली बनाने में सक्षम है, तो इससे सोलर पैनल की दक्षता करीब 1.8 फीसदी बढ़ जाएगी।

यदि आपकी छत बहुत छोटी है या पर्याप्त मजबूत नहीं है, तो कम पेनल ही लगेगा

सौर पैनल एक बड़ी प्रतिबद्धता है, और वे सभी के लिए उपयुक्त नहीं हैं। उन्हें ठीक से काम करने के लिए बहुत अधिक धूप की आवश्यकता होती है, इसलिए यदि आपका घर ज्यादातर छाया में है, तो आपको अपने घर को बिजली देने के लिए पर्याप्त धूप नहीं मिल सकती है। सोलर पैनल को भी काफी जगह की जरूरत होती है. मुट्ठी भर सौर पैनलों को फिट करने के लिए आपको लगभग 650 वर्ग फुट की अबाधित छत की आवश्यकता होती है।
लूम पेनल काफी उपयोगी है –
बता दें कि आज के समय में हरियाणा के फरीदाबाद स्थित लूम सोलर- देश की सबसे टॉप सोलर कंपनी है। यह कंपनी अत्याधुनिक तकनीकों से लैश सोलर पैनल, सोलर इंवर्टर, लिथियम बैटरी, आदि जैसे सभी सोलर प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए जानी जाती है।
यदि आप सोचें कि क्या सोलर बैटरी रात में चार्ज होती है?
एक बार बैटरी डिस्चार्ज हो जाने पर उसे सौर ऊर्जा के लिए अगली दोपहर तक इंतजार नहीं करना पड़ता। बैटरी को रात में सस्ती, ऑफ-पीक ग्रिड पावर का उपयोग करके रिचार्ज किया जा सकता है , जिसे सुबह में उपयोग किया जाता है, जिससे ऑन-पीक पावर ऑफसेट हो जाती है, जिससे लागत कम हो जाती है।

 

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  

You May Have Missed