दिवाली के बहाने ये कैसी बमों पटाखों की आतिशबाजी – राजधानी दिल्ली हरियाणा एनसीआर में प्रदूषण से थमी सांसें –
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नई दिल्ली एनसीआर /चंडीगड़् –के आर अरुण –
दिल्ली -एनसीआर में दिवाली के बाद पटाखों से फैले प्रदूषण ने हवा की गुणवत्ता को ‘खतरनाक’ स्तर तक पहुंचा दिया है
। आतिशबाजी के धुएं और पराली जलाने से मिलकर, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई इलाकों में 500 के पार चला गया, जिसके कारण लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
प्रदूषण की स्थिति चिंता जनक –
समाज जागरण 24TV रिपोटर सर्वेक्षण अनुसार दिल्ली: दिवाली की रात भारी आतिशबाजी के बाद, दिल्ली का औसत AQI 500 से भी ऊपर दर्ज किया गया, जबकि नरेला जैसे कुछ इलाकों में यह 551 तक पहुंच गया।
हरियाणा: हरियाणा के 15 शहरों में भी AQI का स्तर 500 के पार चला गया, जिसमें रोहतक और नारनौल सबसे अधिक प्रभावित रहे।
GRAP का
कार्यान्वयन: हवा की बिगड़ती गुणवत्ता को देखते हुए, दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है।
क्यों हो रही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी–
इस साल सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध में ढील दी थी। कोर्ट ने 18 से 21 अक्टूबर, 2025 तक केवल “ग्रीन पटाखों” की बिक्री और इस्तेमाल की अनुमति दी थी, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित रखा जा सके।
हालांकि, दिवाली की रात भारी मात्रा में पटाखों का इस्तेमाल किया गया, जो इन आदेशों का सीधा उल्लंघन था। यह आतिशबाजी ग्रीन पटाखों तक सीमित नहीं थी, जिससे हवा में खतरनाक स्तर के कण प्रदूषण (PM2.5 और PM10) फैल गए, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं।
अदालत का रुख
बतादेंकि अतीत में, सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के प्रतिबंध को लागू करने में अपर्याप्तता पर चिंता जताई थी। अदालत ने साफ किया था कि नागरिकों को स्वच्छ वातावरण का अधिकार है और किसी भी धर्म के नाम पर प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।
पटाखों से होने वाले नुकसान चिंता सबब –
पटाखों से निकलने वाले प्र दूषकों के कारण सांस संबंधी बीमारियां, हृदय रोग, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह प्रदूषण विशेष रूप से खतरनाक होता है। शोर का अत्यधिक स्तर तनाव और सुनने की क्षमता को भी प्रभावित करता है।
इस घटना ने एक बार फिर यह चिंता जाहिर की है कि कोर्ट के आदेशों और पर्यावरण नियमों की अनदेखी से दिल्ली-एनसीआर हरियाणा में प्रदूषण का संकट गहराता जा रहा है जिसके लिए साझी मुहीम ही बचाव के विकल्प तैयार कर सकती है जबकि मानेटरिंग अभाव में अभी के हालात चिंता जनक हैं।
दिवाली – राजधानी दिल्ली हरियाणा एनसीआर में प्रदूषण से थमी सांसें
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