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ना छीने रौशनी आपकी इसलिए आँखों का देवत्व बचाएं तभी जीवन खुश दिखेगा – आँखें सुरक्षा मंत्र समझिये –

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नेत्र विशेषज्ञ राय अनुसार – समाज जागरण 24 टीवी हेल्थ टिप्स –
कृष्ण राज अरुण –
जिंदगी के लुत्फ़ दुनिया के ससफर में आँखों का महत्व खास है इनका सेफ रहना रखना भी खास है।
यदि एक खास उम्र में आंखों की रोशनी होने लगी है धुंधली, तो ये करना शुरू कर दें, फिर कभी नहीं लगाना पड़ेगा चश्मा।
शौकिया ही सही चश्मों के सीसे सस्ते रोड छाप चश्मे से बचें -वरना खूबसूरत आँखें आपके लिए ज्यादा साथ देना छोड़ सकती हैं।
कम्प्यूटर में काम करने वाले लोग अलग चश्मा ही प्रयोग करें। हर वक्त शोशल मिडिया में नजरें गढ़कर आँखों को तकलीफ ना दें।
आँखों में गुलाब जल कुछ बूंदें अवश्य डालें –

एलोविरा आँखों पलकों के लिए बेहतर है।
आंखों

की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या खाएं-
बादाम और शकरकंद आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए सुबह खाली पेट भीगे हुए बादाम का सेवन करना चाहिए. …
संतरे और गाजर का जूस आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आप संतरे और गाजर के जूस का सेवन भी कर सकते हैं. …
मेथी …
टेस्‍ट और हेल्‍थ के लिए खाएं चटनी-
कुछ दिनों में संयम नियम से आँखें रौशनी सुधार हो जाने योग्य कदम उठायें –
यदि मोतिया बिंद शिकायत है नजरों में रौशनी फर्क है तो तुरंत मोबाईल कम्प्यूटर से नजरों को दूर बचाव में रखें कुछ दिन –
हाइड्रेटेड रहकर, पर्याप्त नींद लेकर और विटामिन ए, सी और ई से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करके आंखों के स्वास्थ्य का समर्थन करें। अपनी आँखें मत मलो -जैसाकि सावधानी गंदे हाथ आँखों से दूर रखिये -बार-बार हाथ धोने का अभ्यास करें …हाइड्रेट …अपनी आंखों को धूप से बचाएं …
खासकर धूम्रपान करते हैंतोइ छोड़ छोड़ने पर ही उत्तम …संतुलित आहार आरामदायक कामकाजी माहौल .- सुरक्षित आँखें कैसे रहें का नियम का पालन करें।
आंखों से संबंधित कई बीमारियां होती हैं, जिनमें सबसे खतरनाक ग्लूकोमा (Glaucoma) को माना जा सकता है. इस बीमारी की वजह से लोग हमेशा के लिए अंधे हो सकते हैं और उनकी आंखों की रोशनी को वापस लाना संभव नहीं होता है.
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खानपान फल आहार
गाजर गाजर का सेवन आंखों की रोशनी बढ़ाने में सच में कारगर है। …
कीवी कीवी एक ऐसा फल है जो कि आपके आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद कर सकता है। …
पपीता पपीता खाना, आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद कर सकता है।
याद रखिये कई जगह प्रमाण मिले हैं 15 दिनों में आंखों की रोशनी बढ़ाएं?
रोज सुबह एक चम्मच आंवले का रस पीने से आपकी आंखों की रोशनी बेहतर होती है.
अपनी आंखों को हेल्दी रखने के लिए आपको अपनी डाइट में ज्यादा विटामिन और मिनरल शामिल करने की जरूरत है. विटामिन ए, सी, जिंक आपकी आंखों के लिए जरूरी हैं. ऐसे फूड्स लें जो इन विटामिन और खनिजों से भरपूर हों जैसे गाजर, पालक, ब्रोकोली, स्ट्रॉबेरी, शकरकंद–बेहद उपयोगी है।
समझें इन फलों को उपयोगी खास –
संतरा, अंगूर, कीवी, आम, अनानास, पपीता, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रसभरी। सब्जियां: हरी और लाल मिर्च, ब्रोकली, फूलगोभी, पालक, शकरकंद, शलजम, गोभी, पत्तेदार साग और टमाटर। विटामिन डी आंखों के लिए अच्छा विटामिन है। इसमें जलनरोधी गुण होते हैं और यह आंखों को सूखापन, मोतियाबिंद बनने और रेटिनल डिजनरेशन से बचाता है।
काली मिर्च में विटामिन A, C और E जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं और उन्हें स्वस्थ रखते हैं. इसमें पाए जाने वाले ल्यूटिन और जेएक्सैंथिन आंखों की सूखी और खुजली वाली समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं
सरसों का तेल आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है.
रोजाना रात में सोते समय अपने पैर के तलवे पर सरसों का तेल मालिश करें. इससे आपके आंखों की कम होती रोशनी धीरे-धीरे बढ़ने लगेगी.
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कौन से कैप्सूल खाने चाहिए?
आंख में ल्यूटिन की मात्रा बढ़ाने के लिए ल्यूटिन की एक बड़ी खुराक के लिए, 6 मिलीग्राम ल्यूटिन के साथ ओकुवाइट ल्यूटिन कैप्सूल के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
गाय दूध खास – दूध क्यों जरूरी –
इनमें न केवल विटामिन ए बल्कि जिंक भी होता है। इसलिए, अच्छी दृष्टि बनाए रखने के लिए दूध और दही जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना महत्वपूर्ण हो जाता है । जिंक विटामिन ए को मेलेनिन नामक वर्णक बनाने में मदद करता है, जो कॉर्निया की रक्षा करता है। यह विटामिन को लीवर से आंखों तक लाने में मदद करता है।
हर चश्मा ना दें आखों को –
सोने से पहले आँखें चेहरा धुलना जरूरी -आँखे आराम मांगती हैं – खानपान दुर्व्यसन मुक्त वातावरण जरूरी हैं। शरीर को पोस्टिक वातावरण भी दें –
रेटिना है तो तनाव से दूर रहिये –
रेटिना को नुकसान का स्रोत हो सकते हैं: दीर्घकालिक तनाव-
अध्ययन के अनुसार, रेटिना में खराबी का सबसे आम कारण चोट, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और ग्लूकोमा जैसी बीमारियां हैं। रेटिना में खराबी का सबसे आम प्रकार रेटिना में आंसू और रेटिना का अलग होना है। इसमें आंख की गुहा रेटिना द्वारा पंक्तिबद्ध विट्रियस के तरल पदार्थ से भरी होती है।
रेटिना में ख़राबी से उसमें प्रकाश का विश्लेषण करने की क्षमता नष्ट या कम हो जाती है. अभी तो इस तरह की बीमारियों का कोई ठोस इलाज नहीं है और याद रखिये एक बार अगर नज़र चली जाती है तो उसे वापस नहीं लाया जा सकता।
आँख के पिछले पर्दे को रेटिना कहा जाता है। इसमें कुछ कोशिकाएं मौजूद होती हैं, जिनकी मदद से प्रकाश पहुंचता है और उसी प्रकाश के कारण हम देखने में सक्षम होते हैं। आँख की ज्यादातर बीमारी रेटिना में किसी भी तरह की खराबी की वजह से होती हैं। रेटिना में किसी भी तरह की समस्या होने से प्रकाश की क्षमता कम हो जाती है। रेटिना आँख का सबसे नाज़ुक हिस्सा होता है और इसमें ज्यादातर सूजन की शिकायत हो सकती है, जिसे मेडिकल भाषा में मैक्युलर कहते हैं। मैक्युला की सूजन कम करने का प्रयास किया जाता है।

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