डेंगू चिकनगुनिया की आई बाढ़ कालाआम्ब क्षेत्र में बढ़े मरीज जागरूकता और दवाई समय पर सावधानियां जरूरी ना समझने पर मुसीबत –

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कालाआम्ब /साढौरा – हरकेश सैनी – इन दिनों सर्द मौसम की रप्तार के साथ डेंगू चिकगुणिया रोग के साथ टांगों में लक़वामार जैसी बीमारी तेजी से फेल रही है। बीमार मरीज अस्पतालों और मेडिक्ल स्टोरों में कतार लगी देख सकते हैं। सरकारी अस्पतालों ने कस्बों में महिला पुरुष डाक्टर जरूर बैठाये हैं मगर फोगिंग अभाव में मछरों का प्रकोप नहीं जाने से जल वायु भी प्रदूषित होने से लोग सावधानी नहीं बर्त्तते।
जागरूकता सतर्कता दवाई के प्रति समझ के साथ होना जरूरी है।
घरों के पास स्वच्छ पानी उबाल कर पियें। काढ़े का प्रयोग जरूरी है इससे सक्रमण दूर होगा।
डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी कैसे फैलती है?
यह वायरल बीमारी पहली बार 1952 में पूर्वी अफ्रीका में पाई गई थी। चिकनगुनिया संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलती है। मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, येलो फीवर, इत्यादि कई और गंभीर बीमारियां हो सकती है। विद्दावन डाक्टर बताते हैंकि चिकनगुनिया के 3 लक्षण क्या हैं?
रोग के मुख्य लक्षण बुखार, शरीर पर लाल रेश, और जोड़ों का दर्द होते हैं।चिकनगुनिया का इलाज करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है? जोड़ों के दर्द और बुखार के लक्षणों में राहत प्रदान करने के लिए डॉक्टर द्वारा एसिटामिनोफेन या पेरासिटामोल जैसी दवाएं निर्धारित की जाती हैं।
डेंगू बुखार के लक्षण
हालांकि, उनमें गंभीर समस्याएं विकसित हो सकती हैं। इनमें डेंगू रक्तस्रावी बुखार, तेज बुखार, लसीका और रक्त वाहिकाओं को नुकसान, नाक और मसूड़ों से खून बहना, यकृत का बढ़ना (लिवर बढ़ना) और परिसंचरण तंत्र या वाहिकातंत्र (circulatory system) की विफलता जैसी दुर्लभ जटिलता शामिल है।-

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