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भारत अब भारत में लॉन्च हुई 100% एथेनॉल कार:-महंगे पेट्रोलियम नहीं अब , खेतों में बने अनाज से तैयार ईंधन से चलेगी;

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के आर अरुण
-समाज जागरण 24tv –
नई दिल्ली – भारत की राजग भाजपा नीत सरकार चलाएगी सस्ते ईंधन की गाड़ियां – किसानो के लिए होगी मालामाल योजना – महंगा पेटोल जल्दी सिर्फ खास जगहों के लिए प्रयोग में होने की बात खबर में है। इथेनॉल से तैयार कार पीएम मोदी की योजना को कारगर रूप देने वाले इथेनॉल से तैयार कार भारत के सड़क एवं परिव्हन खास मंत्री नितिन गडकरी खास मॉडल पहले ही सड़कों घुमा रहे हैं।
एथेनॉल ईंधन की एक खासियत यह है कि यह तेल के कुओं से नहीं, बल्कि किसानों के खेतों से आता है।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसी टोयोटा इनोवा हाइक्रास को प्रदर्शित किया। ये कार हाइब्रिड सिस्टम के लिए फ्लेक्स फ्यूल से 40% इलेक्ट्रिसिटी जनरेट कर सकती है।
बेहद तेजी से कार्य चल रहा पीएम मोदी निर्देश से इथेनॉल से त्यार ईंधन जल्द भारत के आम आदमी के लिए सड़क किनारे इथेनॉल पम्प जगह ले लेंगे। किसान को हकों के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना होगा बल्कि अपनी फसल कई रूपों में मोटी कमाई का हक दार बन जायेगा।
आइये समझिये इथेनॉल कैसे होरहा तय्यार –
एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जो गन्ने के रस और मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से तैयार किया जाता है। स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बने एथेनॉल को पेट्रोल में मिलाकर बायोफ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
मक्का एथेनॉल के लिए सबसे महत्वपूर्ण फसल है। इस फसल की पैदावार को और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन का कहना है कि 2021-22 में सिर्फ महाराष्ट्र में गन्ना उत्पादन में 16 लाख टन की कमी हुई है। एथेनॉल बनाने में बेहतर करना है तो इसे बढ़ाना होगा।
2. देश में मक्का का उत्पादन इतना ज्यादा नहीं है कि इससे एथेनॉल बनाना संभव हो।
3. चावल की बात करें तो सरकार पहले लोगों की भूख मिटाने के लिए इसका इस्तेमाल करेगी। भारत 20 मिलियन मीट्रिक टन चावल सालाना विदेश भेजती है। अगर सालाना विदेश में चावल के एक्सपोर्ट को घटाकर 15 मिलियन मीट्रिक टन कर दिया जाए तो इससे 1.27 बिलियन लीटर एथेनॉल बनाया जा सकता है।
वैसे पुरानी गाड़ियों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इससे गाड़ी में कम माइलेज और कम पावर की आशंका रहेगी। हालांकि, पुरानी गाड़ी के इंजन में कुछ बदलाव करवा सकते हैं। अगर गाड़ी बहुत पुरानी है तो उसे नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत स्क्रैप कराना होगा।

3.50 रुपए तक कम हो सकती है एक लीटर पेट्रोल की कीमत: नरेंद्र तनेजा
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा का कहना है कि E20 योजना के तहत अभी सिर्फ पेट्रोल में एथेनॉल मिलाया जा रहा है। इससे प्रति लीटर तक 3.50 रुपए तक कीमत कम होने की संभावना होती है। हालांकि, ये सब कुछ तेल कंपनियों पर निर्भर करता है। दो वजहों से फ्लेक्सी फ्यूल सस्ते होते हैं…

1. एथेनॉल की कीमत पेट्रोलियम पदार्थों से कम होती है। ऐसे में जब एक लीटर में 20% एथेनॉल मिलाया जाएगा तो कीमत कम होना स्वाभाविक है।

2. एथेनॉल पर पेट्रोल की तुलना में कम टैक्स लगाए जाते हैं। फलेक्सी फ्यूल के सस्ता होने की एक वजह यह भी है।

नरेंद्र तनेजा कहते हैं कि E85 यानी एक लीटर पेट्रोल में 85% एथेनॉल मिलाया जाना संभव नहीं है। भारत में अभी सिर्फ पेट्रोल में एथेनॉल मिलाया जा रहा है। डीजल में एथेनॉल मिलाए जाने के प्रोजेक्ट पर भी काम हो रहा है। E20 योजना के लिए भी काफी ज्यादा एथेनॉल की जरूरत होगी।

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