मशरूम निदेशालय सोलन के हिमाचली वैज्ञानिकों ने दिखाया कमाल- ढिंगरी मशरूम को अदरक और तुलसी के अवशेषों पर उगाया अब औषधीय गुण की जाँच –

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-समाज जागरण 24tv –
-सीपीएच एडिटर के आर अरुण –
चंडीगढ़ / शिमला – हिमाचल प्रदेश जैविक राज्य भले ही ना हो मगर यहाँ के वैज्ञानिक नई नई खोज से जनता की सेहत के लिए खजाने खोजने में समर्पित हैं। विदित होकि अब जो भी पैदावार मशरूम की होगी उसे खाने के साथसाथ प्रोटीन ही नहीं बल्कि अदरक और तुलसी समेत अन्य औषधीय गुण भी मिलेंगे। यह जानकारी सोलन में ढींगरी मशरूम पर किए गए शोध के बाद इसकी गुणवत्ता जांच में यह पता चला है।
मशरूम निदेशालय चंबाघाट सोलन के वैज्ञानिकों ने ढिंगरी मशरूम को अदरक और तुलसी के अवशेषों पर उगाया था। इसकी गुणवत्ता जांच की जा रही थी कि इसमें कितने औषधीय गुण आए हैं। अब इसे आगामी जांच के लिए पंजाब की आधुनिक लैब में भेजा जा रहा है। यहां पर किस औषधि के कितने फीसदी गुण इसमें आए हैं, इसका पता चल सकेगा। प्रशिक्षण में सफलता मिलने के बाद अब ढींगरी मशरूम खाने से कई बीमारियों में फायदा होगा।
इससे जहां हमारा दिल स्वस्थ रहेगा, वहीं हमार इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) भी मजबूत होगा।
डॉ. वीपी शर्मा, निदेशक, खुंब अनुसंधान निदेशालय सोलन बताते हैंकि पाचन शक्ति के लिए भी ढींगरी मशरूम बेहतर स्रोत बन जाएगा। विशेषज्ञों का दावा है कि ढींगरी मशरूम में अब इतने औषधीय गुण आ जाएंगे कि इसके खाने से शरीर की कई बीमारियाें में राहत मिलेगी।निदेशालय के वैज्ञानिक औषधीय पौधों के अवशेषों पर ढिंगरी मशरूम तैयार करने का शोध कर रहे हैं। अदरक उगाने का सफल शोध रहा है। अब इसके गुणों की जांच की जा रही है। तुलसी, लेमन ग्रास पर भी ढिंगरी मशरूम उगाने का काम किया जा रहा है। इसके बाद इसके गुणों की भी जांच होगी। यह मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर होगी।

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