केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा के रोहतक आईएमटी स्थित साबर डेयरी के 325 करोड़ की लागत से तैयार नए प्लांट का उद्घाटन –

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— कृष्णराज अरुण —
समाज जागरण 24tv नई दिल्ली /चंडीगढ
रोहतक — विजयदशमी की सुगंंध लिए यादगर पलों में केंद्रीय सहकारिता एवं गृहमंत्री अमित शाह के साथ इस ऐतिहासिक प्लांट उद्द्घाटन पर्व में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व उनकी कैबिनेट के मंत्री अरविंदशर्मा अन्य गणमान्य की उपस्थिति में यह उद्द्घाटित प्लांट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इतिहास रचे ऐसा मील का पत्थर रखा गया ।
samaj jagran 24tv रिपोटर अनुसार यह प्लांट 325 करोड़ रुपये की लागत से बना भारत का सबसे बड़ा दही उत्पादन संयंत्र है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा। कृषक जगत के हितों के साथ अन्य वर्ग के लिए काफी उपयोगी की कल्पना की गयी है। केंद्रीय ग्रह मंत्री इस उद्धघाटन के बाद शाह महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) में खादी कारीगर महोत्सव में शामिल हुए।
बतादें कि आज यह उद्द्घाटित साबर डेयरी का यह संयंत्र हरियाणा के पशुपालकों और किसानों की आय बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। यह प्लांट पूरे एनसीआर और उत्तर भारत में दही, छाछ और अन्य डेयरी उत्पादों की आपूर्ति करेगा। हरियाणा में दूध और छाछ की खपत सबसे ज्यादा है, इसलिए साबर डेयरी ने इस क्षेत्र को चुना है ।
हरियाणा में अपनी तरह का यह प्लांट खास है जैसाकि पिछले 11 वर्षों में भारत का डेयरी सेक्टर 70% तक बढ़ा है। दूध देने वाले पशुओं की संख्या 86 मिलियन से बढ़कर 112 मिलियन हो गई, और देसी नस्ल की गायों का दूध उत्पादन 29 मिलियन टन से 50 मिलियन टन तक पहुंच गया है।शाह ने जोर देकर कहा कि भारत अब विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। हरियाणा में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 1,105 ग्राम है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है।
इस प्लांट का महत्व –
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मुख्यमंत्री सैनी की उपस्थिति में
3 अक्टूबर, 2025 के दिन को हरियाणा के रोहतक में साबर डेयरी के एक नए संयंत्र का उद्घाटन से इस संयंत्र को हरियाणा के पशुपालकों और किसानों की आय बढ़ाने में मील का पत्थर माना जा रहा है।
इस परियोजना से जुड़ी कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
निवेश और क्षमता: इस अत्याधुनिक संयंत्र को लगभग ₹350 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। इसकी दैनिक उत्पादन क्षमता 150 मीट्रिक टन दही, 10 मीट्रिक टन योगर्ट (मीठा दही), 3 लाख लीटर छाछ और 10,000 किलोग्राम मिठाई की है।
क्षेत्रीय विकास: यह प्लांट केवल हरियाणा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह दिल्ली-एनसीआर और पूरे उत्तर भारत की डेयरी उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। इससे डेयरी उद्योग का विस्तार होगा और क्षेत्र में किसानों के लिए नए बाजार खुलेंगे।
किसानों के लिए लाभ:
आय में वृद्धि: प्लांट के माध्यम से किसान अपने दूध उत्पादों को सीधे बेच सकेंगे, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य मिलेगा और बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी।
रोजगार के अवसर: इस प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1,000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
सहकारिता को बढ़ावा: साबर डेयरी एक सहकारी संस्था है। इस नए संयंत्र का उद्घाटन सहकारिता के सिद्धांत को मजबूत करता है, जिसमें किसानों को संगठित होकर लाभ कमाने का अवसर मिलता है।
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