दीवाली उपहार -11 नए जिलों की प्रस्तावना सीएम नायब सैनी सरकार के पास – –नारायणगढ गोहाना पटौदी मानेसर हाँसी और बरवाला इत्यादि होंगे नए जिले –

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— कृष्णराज अरुण —-
चंडीगड़्/samaj jagran 24tv.कॉम
नायब सैनी की हरियाणा सरकार की विकास प्रक्रिया पंख लगाकर नए हरियाणा का चेहरा नए भारत में जोड़ना चाहती है उसकी तैयारी नए साल से पहले तेजी आ चुकी के लिए 11 नए जिले बनाने के प्रस्ताव सैनी सरकार के पास आए हैं जिनमें पटौदी असंध नारायणगढ़ गोहाना और मानेसर भी शामिल हैं। जिनमे 14 नए उपमंडल चार तहसील और 27 उप तहसील बनाने के भी प्रस्ताव हैं।
samaj jagran 24tv रिपोटर के अनुसार राज्य के इन जिलों के पुनर्गठन उप-समिति को अब तक 73 प्रस्ताव मिले हैं। नए जिले के लिए 125 से 200 गांव चार लाख से अधिक आबादी और 80 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल होना जरूरी है।इनमें करनाल का असंध, अंबाला का नारायणगढ़, गुरुग्राम के मानेसर और पटौदी, कैथल का पिहोवा, हिसार के हांसी और बरवाला, जींद का सफीदों, सोनीपत का गोहाना और सिरसा का डबवाली शामिल है।
जानकारी प्राप्त अनुसार इसमें 14 नए उपमंडल, चार तहसील और 27 उप तहसील बनाने के प्रस्ताव मंत्रियों की उप समिति को मिले हैं। डबवाली और हांसी को प्रदेश सरकार ने पुलिस जिला बनाया हुआ है।
इसकी प्रक्रिया को लेकर सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में मंगलवार को पुनर्गठन उप-समिति की पांचवीं बैठक हुई जिसमे विकास एवं पंचायत तथा खनन मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में समिति सदस्य के रूप में शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा शामिल थे।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उप समिति के अध्यक्ष पंवार ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता और जनप्रतिनिधियों की मांगों के अनुसार प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक पुनर्गठन उप समिति को 73 प्रस्ताव मिले हैं।
बतादेंकि राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा और विशेष सचिव कमलेश कुमार भादू की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद उप समिति ने गांव खुंगा (उपमंडल उचाना) को उपमंडल जींद में और गांव खानपुर रोरण (तहसील पिहोवा) में शामिल करने के लिए प्रदेश सरकार को सिफारिश भेजी है।
नए जिले के पुनर्गठन का तरीका यह है –
पंवार ने बताया कि नए जिले बनाने के लिए 125 से 200 गांव, चार लाख से अधिक आबादी और 80 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल होना जरूरी है। समिति ने उपमंडल, तहसील और उप तहसील बनाने के लिए भी अलग-अलग मानदंड तय किए हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में लिए गए निर्णय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे।
कबतक जरूरी है परिक्रिया पूरा होना –
हरियाणा में 31 दिसंबर तक नए जिले और तहसील यदि नहीं बने तो फिर अगले डेढ़ साल से अधिक समय तक इंतजार करना होगा जिसकी वजह यह हैकि अगले साल एक अप्रैल से जनगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिसमे रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने प्रदेश सरकार को प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव के लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा निर्धारित की है। इस अवधि में प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव नहीं हो पाने पर जून 2027 के बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी।
मौजूदा यह है प्रशासनिक ढांचा जिसमे बढ़ौतरी होगी –
हरियाणा के वर्तमान प्रशासनिक ढांचे की बात करें तो प्रदेश में छह मंडल, 22 जिले, 80 उपमंडल, 94 तहसीलें, 49 उप तहसीलें, 143 खंड, 154 कस्बे और 6,841 गांव शामिल हैं।
असंध, नारायणगढ़, मानेसर, पिहोवा, बरवाला, सफीदों, पटौदी, डबवाली, हांसी और गोहाना को जिला बनाने की है मांग भी इन 11 जिलों के पुनर्गठन में शामिल है।मंत्रियों की उप समिति ने गांव खुंगा को उचाना उपमंडल से निकाल जींद और गांव खानपुर रोरण को तहसील पिहोवा में करने के लिए प्रदेश सरकार को भेजी गयी है सिफारिस।
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