डा नायब सिंह सैनी सरकार का साहसिक कदम भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ तैयार-अधिकारियों-कर्मचारियों पर नया नियम लागू

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— के आर अरुण–
–SamajJagran24tv.com–
चंडीगढ़/ हरियाणा में डा नायब सिंह सैनी सरकार ने अपनी क्लीन छवि पारदर्शी प्रशासन स्वच्छ छवि देने के लिए अपनी सरकार में तमाम उन लोगों को प्रशासन से बाहर करेगी जो भ्रष्टाचार में लिप्त होने की गुप्तचर रिपोर्ट स्पष्ट जांचे सामने आती है। ऐसे कर्मी और अफसर अब सरकार में अपनी भर्स्ट आचरण को लेकर रुतबा नहीं पाल सकेंगे। काफी लम्बी जांचों की रिपोर्ट की तह तक जाने के बाद सीएम ने इस पर एक्शन लेना आरम्भ कर दिया है।
खबर है कि भाजपा डबल इंजन सरकार को उनके नेतृत्व में क्लीन छवि देने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार करवा रही है ताकि ऐसे भ्रष्टाचार के गुलाम अधिकारी कर्मचारी उनकी सत्ता में दिखाई न दें। डा सीएम सेनी ने उन्हें 50साल की उम्र में रिटायर किया जाने का रास्ता बना दिया है ।यह भी संकेत है कि उन्हें कोई एक्सटेंशन भी नहीं दिया जा सके ऐसे प्रावधान व्यवस्था का रास्ता तैयार कर दिया गया है।इसकी पुस्टि मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने ने की है।
रिटायरमेंट के लिए कार्यकाल आचरण की गोपनीय रिपोर्ट काफी काम करेगी –
अब किसी भी अधिकारी विरुध्द गोपनीय रिपोर्ट में भरस्टाचार में लिप्त शिकायतें पाई गयी तो उन्हें निरंतर शिकायत रिकार्ड अनुसार कोई भी प्रमोशन इत्यादि या एक्सटेंसन नहीं मिलेगा जो 55 साल उम्र में मिलता है। सरकारी नौकरी में 58 साल उम्र है। जबकि पहले सरकार 55 आयु में ऐसे अफसरों की जाँच करती थी। ठीक मिलने पर एक्सटेंशन मिलती थी मगर अब डा नायब सिंह सैनी सरकार ने सख्ती लाकर करप्शन से जुड़े लोगों पर कार्यवाही शुरू करते उन्हें 50 उम्र में रिटायरमेंट देने का फैसला लिया है। हालांकि 55 उम्र की अवस्था में रिव्यू की प्रक्रिया जारी रहेगी।
उत्पीड़न और अनुशासन हीनता को लेकर पहले ही एक अफसर हटाए गए –
बतादें कि एक उत्पीड़न की कहानियां दे चुके 2011 बेच के {एच सी एस )रीगन कुमार आफिसर कई आरोपों से घिरे अधिकारी नौकरी से बाहर कर दिए गए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्यवाही में पकड़े गए अधिकारी कर्मचारी ऐसे मामलों का रिकार्ड काफी महत्वपूर्ण हैं जो सरकार को अंदर ही अंदर खोखला कर रहे थे।
2024 की तहकीकात रिपोर्ट के अनुसार एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्वत बाजी अन्य मामले में 155 मामले दर्ज किये थे जिनमे 104 ट्रेप किये गए थे जिसमे 88.29 लाख रूपये की रिश्वत जब्त की गयी थी जिनमे 6 केस में गजिस्ट्रेट अफसर तथा 80 नान गजिस्टेड जबकि 31 निजी व्यक्ति शामिल थे।
खबर ये भी है कि 47 तहसीलदार की लिस्ट गुप्तचर की तैयार है जो अभी बाहर नहीं आई है-
सरकार ने गुप्त जाँच रिपोर्ट आधार पर पटवारियों को भी जाँच में दोषी पाने के बाद उन्हें बाहर करने का फैसला लिया। इनमे 170 पटवारी ऐसे थे जो निजी सहायक रखे थे जबकि कुछ पटवारी घर से आफिस चलाते थे। इनमे 404 दलालों की लिस्ट भी गुप्तचर से जारी हुई जो तहसीलदार नायब तहसीलदार के नाम काम के पैसे ले रहे थे। अब सीसी कैमरे सहित एक के ऊपर एक देखरेख आफिसों में सरकार की नजरें काम करेंगी। खबर ये भी है कि 47 तहसीलदार की लिस्ट गुप्तचर की तैयार है जो अभी बाहर नहीं आई है।

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