औंकार फाउंडेशन नेपाल कालअग्नि रूद्र पीठ ।ऊँकार टीवी, कालअग्नि रूद्र पीठ जनचेतना मिशन – निराशा मनुष्य के पतन का मार्ग बनाती है प्रभु स्मरण शक्ति से इसे पास नहीं फटकने देना चाहिए — कृष्णराज अरुण

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— कृष्णराज अ
रुण इंडिया एडवाइजर ऊँकार फाउंडेशन ऊँकार टीवी नेपाल —पस्तुतती- समाज जागरण 24tv
सज्जन मित्रो ,
यह सच है कि निराशा मनुष्य के पतन का कारण बन सकती है, लेकिन प्रभु का स्मरण इसे पास फटकने से रोक सकता है। निराशा एक नकारात्मक भावना है जो मनुष्य को निराश और हताश कर सकती है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में असफल हो सकता है। प्रभु का स्मरण, यानी ईश्वर में विश्वास और उनका ध्यान, मनुष्य को सकारात्मक रहने और कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।
जब मनुष्य प्रभु का स्मरण करता है, तो वह अपने जीवन में एक उद्देश्य और अर्थ पाता है, जिससे निराशा का प्रभाव कम हो जाता है। प्रभु का स्मरण मनुष्य को आशा, उत्साह और आत्मविश्वास प्रदान करता है, जो उसे निराशा से लड़ने में मदद करते हैं।
इसलिए, निराशा को मनुष्य के पतन का मार्ग बनने से रोकने के लिए, यह आवश्यक है कि मनुष्य प्रभु का स्मरण करे और उनकी कृपा पर विश्वास रखे।
विस्तार में:
आत्मविश्वास और आशा:-
निराशा से बचने के लिए, मनुष्य को अपने भीतर आत्मविश्वास और आशा बनाए रखने की आवश्यकता है। प्रभु का स्मरण मनुष्य को यह विश्वास दिलाता है कि वह सब कुछ कर सकता है जो वह चाहता है, और कि भगवान हमेशा उसके साथ हैं। यह आत्मविश्वास और आशा मनुष्य को निराशा के प्रभाव से बचाती है.
निराशा का प्रभाव:
निराशा एक ऐसी स्थिति है जब मनुष्य अपने जीवन में कुछ भी सकारात्मक नहीं देख पाता है। यह उसे उदास, चिंतित और निराश कर सकती है। निराशा के कारण, मनुष्य अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से डर सकता है या उन्हें प्राप्त करने की कोशिश करना ही छोड़ सकता है।
प्रभु स्मरण का महत्व:
प्रभु का स्मरण, यानी ईश्वर में विश्वास और उनका ध्यान, मनुष्य को निराशा से लड़ने में मदद कर सकता है। जब मनुष्य प्रभु में विश्वास रखता है, तो वह जानता है कि वह अकेला नहीं है और उसके जीवन में एक उद्देश्य है। यह उसे कठिनाइयों का सामना करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
मूल में प्रत्येक दिन ओंकार ध्वनि स्मरण करें गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु महेश जानकार आपने गुरु को स्मरण करके चेतन मन से जीवन लक्ष्य को साधिये मार्ग परस्त होता जायेगा।
हम क्या लाये जो खो जाने का डर है डरिये तो सिर्फ उससे जो गुरु रूपी ईश्वर हमसे भूल वश गुमनाम ना हो जाए अर्थात जीवन को मिलने वाला प्रकाश गुम ना हो जाए। ओंकार एक गहरा आध्यात्मिक अर्थ वाला शब्द है जो भारतीय धर्मों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसकी चेतन ध्वनि मन की शुध्दि का मार्ग है जो भटकाव को रोकती है। ओंकार को ब्रह्मांड की सबसे पहली ध्वनि माना जाता है, जिससे सृष्टि की रचना हुई।
जो मनुष्य वंश गौरव बनने की कृपा चाहते हैं उन्हें निराशा कुपोषण मानकर हटाएँ –
याद रहे निराशा एक शक्तिशाली भावना है, लेकिन प्रभु का स्मरण इसे हराने का एक शक्तिशाली उपाय है। जब मनुष्य प्रभु में विश्वास रखता है, तो वह निराशा को अपने पतन का कारण बनने से रोक सकता है और अपने जीवन में सकारात्मकता और खुशी ला सकता है।
यह सच है कि निराशा मनुष्य के पतन का मार्ग बन सकती है। जब कोई व्यक्ति लगातार निराशा का अनुभव करता है, तो यह उसके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे वह हताश, उदास और प्रेरणाहीन महसूस कर सकता है। यह स्थिति उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोक सकती है और अंततः उनके पतन का कारण बन सकती है।
विस्तार में-
प्रेरणा की कमी:
निराशा व्यक्ति को निराश और प्रेरित महसूस करा सकती है, जिससे वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल हो सकते हैं।
निष्कर्ष:
निराशा एक शक्तिशाली भावना है, लेकिन प्रभु का स्मरण इसे हराने का एक शक्तिशाली उपाय है। जब मनुष्य प्रभु में विश्वास रखता है, तो वह निराशा को अपने पतन का कारण बनने से रोक सकता है और अपने जीवन में सकारात्मकता और खुशी ला सकता है।
राजा हरिश्चंद्र नीराशहो गए होते तो अग्नि परीक्षा मार्ग में धैर्य खो जाते तो तो विजय नहीं हो पाती पुनः राजपाट नहीं मिलता। देवता लोक तक गुणगान नहीं होता।
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