बीपीएल धारकों की शुद्धता वाहन या बिजली बिल से नहीं -अन्य विकल्प लाने होंगे – विकसित भारत दायरे में आर्थिक पिछड़ापन दूर करना भी बीपीएल का मिशन –

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-samaj jagran24tv.com –
नई दिल्ली /चंडीगढ /के आर अरुण – विकास की ऊंचाइयों को छूने में भारत के प्रगतिशील राज्यों में हरियाणा डा सैनी राज की कार्यशैली पर प्रधानमंत्री मोदी की ख़ास नजर है वह इसलिए की दिल्ली से सटा हरियाणा विश्व पटल पर जल्द ही मुकाम बनाने जा रहा है। उस हरियाणा को समाज कल्याण की दूरगामी योजना भी महत्वपूर्ण है जोकि दबे कुचले आर्थिक हालात से कमजोर लोगों के विकास में बीपीएल योजना भी खास है इस योजना तहत “परिवार पहचान पत्र” मनोहर सरकार का नायाब तोफा आज विकास का जादू नायाब सरकार का चढ़कर बोलने वाला है ताकि वह जल्द आर्थिक पिछड़ेपन की कहानी को समाप्त कर परिवारों को सुख समृद्धि की और विकसित भारत से जोड़ सके।
सरकार ने बीपीएल धारक की शुध्दता जांचने के लिए बीपीएल दायरे में आनेवाले पात्र बिजली बिल की औसत निर्धारित वार्षिक 20 हजार बताई है और दो और चार पहिया वाहन मालिक ना हो की शर्त शर्त रखते जांचने की तेयारी कर दी है सरकार को संदेह हैकि की सम्पन्न लोग भी बीपीएल धारक बनकर गरीबों का हक छीन रहे हैं यह वास्तविकता है खटटर सरकार ने बेहद प्रयास किये बार बार योजना जाँच की जाती रही मगर सैनी राज ने चुनावी वायदों में दिल खोल घोषणाएं की मगर अब लागू करते समय अवसरवाद लोगों की धूर्तता पर लगाम लगाई जा रही है ।
जहाँ तक वाहन मालिक होने की बात है वे यदि पुराने वाहन हैं जो परिवार ने रखे हैं तो वे बीपीएल दायरे में रखने पर विचार किया जाना चाहिए। नए वाहन उनकी किस्ते देखकर कमाई जांच देखकर ही बीपीएल निरस्त होनी चाहिए। सवाल गरीबों के हैंकि क्या रोजी रोटी रोजगार में कमर तोड़ी गयी करौना काल की मार से आज तक उभर नहीं पाए परिवारों को देखा है सरकार ने क्या कि किन परिस्थिति में बिन रोजगार रिश्ते नातों से कर्ज में ये परिवार इन वाहनों से यदाकदा अस्पताल या रिस्तेदारियाना निभाने जाने जाते हैं ? हरियाणा परम्परा में गरीब से गरीब भी मजबूर नहीं देखा जाता है वे नाते दारी निभाने में अब्बल हैं।
कई परिवारों में गावं घर में पुराने वाहन दरवाजों में खड़े दिखेंगे जिनपर परिवार अस्पताल या रिश्ते निभाने जाता आता है। क्या ये परिवार गरीबी से उभरने में बीपीएल का लाभ लेने लायक नहीं हैं क्या ? हरियाणा में मजदूर भी बदलते वक्त में मोबाइल रखता है हल्के फुल्के पुराने वाहन रखता है यह हरियाणा की शान है। यदि वह विकसित भारत के सपने को लेकर जीना चाहता है तो इसका मतलब ये नहीं कि वह गरीब नहीं है वह कर्ज दार होकर भी रिश्ते अस्पताल बिरादरी निर्वाह करता है इसका मतलब ये नहीं कि वह बीपीएल लायक नही है। उसकी माली हालत जानन्ने के लिए गुप्तचर गौर करे तो किस तरह परिवार चलाता है पता चल जायेगा।आर्थिक रूप से भी गरीब गरीब है उसका स्वाभिमान है यदि सरकार ने उसके लिए कोई योजना दी है तो उसे उस तक पहुंचे यह जरूरी है एक दिन उभरते ही उसकी मजबूत नौकरी मकान नया वाहन होते ही वह खुद बीपीएल पात्रता अन्य गरीब के हवाले कर देगा अभी उसका हक़ छीन् लेना गलत है पाप है। उच्च वर्ग यदि कोठी बंगले जमीन जायदाद वाले बीपीएल का नाजायज लाभ ले रहे हैं तो उनपर एक्शन जायज है इसकी तारीफ़ होगी और सहयोग मिलेगा।

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