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क्या पेट्रोल-डीज़ल गाड़ियों से भी ज़्यादा प्रदूषण फैलाते हैं इलेक्ट्रिक-जुडी शोध रिपोर्ट –

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–के आर अरुण –

नई दिल्ली – -SAMAJ JAGRAN 24TV.com

क्या पेट्रोल-डीज़ल गाड़ियों से भी ज़्यादा प्रदूषण फैलाते हैं इलेक्ट्रिक वाहन?
—-अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने क्यों लगाया ev गाड़ियों पर बेन –
अमेरिकी विद्द्वानो का शोध ने इलेक्रिक वाहनों में प्रदूषण की अधिक मात्रा की रिपोर्ट आने केबाद पूर्णत बंद करने का निर्देश दिया है की मिडिया सुर्खियां बनी हैं। चौंकाने वाली स्टडी में बताई वजह- तभी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन, कई एक्जीक्यूटिव ऑडर्स पर साइन किए. अब ट्रम्प ने अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहनों की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है-क्या भारत को तेजी से त्यार होते वाहनों पर कमियों को दूर करना होगा।

चौंकाने वाली स्टडी में बताई वजह-
Electric Vehicles: से जुडी शोध रिपोर्ट यानि रिसर्च रिपोर्ट कहती है, गैस से चलने वाली कारों के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीकल के ब्रेक और टायर 1850 गुना ज्यादा प्रदषण फैलाते हैं. स्टडी इसलिए चौंकाती है क्योंकि अब तक माना जाता रहा है कि पेट्रोल और डीजल के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीहल प्रदूषण के मामले में ज्यादा सुरक्षित हैं। रिसर्च रिपोर्ट कहती है, गैस से चलने वाली कारों के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीकल के ब्रेक और टायर 1850 गुना ज्यादा प्रदषण फैलाते हैं. स्टडी इसलिए चौंकाती है क्योंकि अब तक माना जाता रहा है कि पेट्रोल और डीजल के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीहल प्रदूषण के मामले में ज्यादा सुरक्षित हैं. ये ग्रीन हाउस गैसों का कम उत्सर्जन करते हैं. लेकिन नई रिसर्च ने इस पर खुलासे किए हैं. इसके साथ ही इनकी वजह भी बताई है.
आखिर क्यों ईवी हवा काे जहरीला बनाती है?
एमिशन एनालिटिक्स की रिपोर्ट कहती है, इलेक्ट्रिक वाहनों का वजन ज्यादा होता है. वजन ज्यादा होने के कारण इसके टायर जल्दी घिसते हैं. यानी तेजी से इनकी उम्र घटती है. ये हवा में नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल रिलीज करते हैं. ज्यादातर टायर क्रूड ऑयल से निकले सिंथेटिक रबर से तैयार किए जाते हैं. ये प्रदूषण की वजह बनते हैं। ईवी हवा काे जहरीला बनाती है?
एमिशन एनालिटिक्स की रिपोर्ट कहती है, इलेक्ट्रिक वाहनों का वजन ज्यादा होता है. वजन ज्यादा होने के कारण इसके टायर जल्दी घिसते हैं. यानी तेजी से इनकी उम्र घटती है. ये हवा में नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल रिलीज करते हैं. ज्यादातर टायर क्रूड ऑयल से निकले सिंथेटिक रबर से तैयार किए जाते हैं.

ये प्रदूषण की वजह बनते हैं--कहा गया है कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के बैटरी को डिकम्पोज करना भी जरूरी है. अगर बैटरी को ठीक से खत्म नहीं किया जाता है तो पर्यावरण के लिए खतरा बढ़ता है. इसलिए ईवी की बैटरी भी अहम पहलू है। इससे पहले हुई रिसर्च में बैटरी को डिकम्पोज करने के लिए बरती जाने वाली लापरवाही को पर्यावरण के लिए खतरा बताया जा चुका है. इस तरह कहा जा सकता है कि पर्यावरण के लिए अब तक सुरक्षित माने जाने वाले ईवी उतने भी सुरक्षित नहीं हैं, इनको लेकर जितना दावा किया जाता है. यही वजह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर हुई यह स्टडी चौंकाती है और पर्यावरण को सुरक्षित बनाने की दिशान में अलर्ट भी करती है। 

यह रिपोर्ट यह चिंता कराती हैकि दुनिया को प्रदूषण से बचाने और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का कॉन्सेप्ट लाया गया. अब तेजी से तमाम कंपनियां भी ईवी की तरफ तेजी से बढ़ रही है.पर क्या उन्होंने ऐसे जटिल मुद्दों पर गौर किया है कि उनका प्रोडक्शन किसी कारण से कमजोर ना पढ़े इस लिए उपभोक्ता हित और राष्ट्रीय पर्यावरण हितों को लेकर मिशन पर लगे विज्ञानियों की रिपोर्ट पर आंकलन जरूरी है। 

 

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