ऐतिहासिक 2025 की पहली मौनी अमावस्या पर खास महत्व –प्रयागराज गंगा माँ के चरणों में करोड़ों भक्त —

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-समाज जागरण 24tv.com-
नई दिल्ली -/चंडीगढ़ -कृष्णराज अरुण –
29 जनवरी को मौनी अमावस्या का पर्व है और इस दिन प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में स्नान का विशेष महत्व है। इस समय लोग प्रयागराज के संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए लगातार यात्रा कर रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार 29 जनवरी 2025 को अमृत स्नान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से लेकर 6 बजकर 18 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में लोग गंगा में स्नान करके पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
आप यदि गंगा जी प्रयाग राज नहीं जा सके तो -आसपास पवित्र नदी में मां गंगा नाम लेकर स्नान करें या फिर घर में गंगा जल डालकर स्नान करें – पूजा कर कोई अच्छा संकल्प ले जिससे पितृ पक्ष आनंदित हों देव लोक में आपको आशीष योग्य समझा जाये आपके कस्ट दूर हों ।
साल 2025 की पहली अमावस्या क्यों है विशेष ज्योतिष महत्व भी –
मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का विशेष महत्व माना जाता है। गुरु और सूर्य का राशि परिवर्तन कुम्भ कराता है लेकिन 29 जनवरी चंद्रमा और सूर्य मकर राशि रहेंगे। वहीं, गुरु का पंचम भाव में रहना बहुत शुभ और उत्तम स्थिति का निर्माण हो रहा है। जिसके कारण इस दिन स्नान-दान करना और भी महत्वपूर्ण होगा। इस दिन सिद्धि योग भी बन रहा है। महाकुंभ पर मौनी अमावस्या पर शाही स्नान भी किया जाएगा इस कारण से साल की पहली अमावस्या बहुत ही विशेष रहेगी।
मौनी अमावस्या में क्या करें? 29 जनवरी बुधवार
मौनी अमावस्या 2025 प्रमुख अनुष्ठान-
सबसे खास मौन व्रत : बहुत से लोग पूरे दिन मौन व्रत रखते हैं, यह आत्मनिरीक्षण, आध्यात्मिक विकास और आंतरिक शांति पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उपवास: भक्त अक्सर उपवास करते हैं, या तो भोजन और पानी से पूरी तरह परहेज करते हैं या कुट्टू, तले हुए आलू या समा जैसी विशिष्ट चीजें खाते हैं।
इस पवित्र दिन –
दान-पुण्य: अमावस्या के दिन दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है। बहुत से लोग जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और पैसे दान करते हैं, उनका मानना है कि इस तरह के दान-पुण्य से आशीर्वाद और अच्छे कर्म मिलते हैं।
इस दिन आप ये टोटके क्र सकते हैं –
अमावस्या के दिन घर द्वार घी का दीपक जलाना चाहिए.
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए.
अमावस्या के दिन गाय की सेवा करनी चाहिए.
अमावस्या के दिन श्राद्ध, पिंडदान, और तर्पण करना चाहिए.
अमावस्या के दिन भगवान शिव का जल, दूध, दही, शहद, और घी से अभिषेक करना चाहिए.
अमावस्या के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाना चाहिए.
भगवान शिव का आह्वान करें:
चूंकि अमावस्या का संबंध चंद्रमा से है, इसलिए इस दिन रात्रि के देवता भगवान शिव की पूजा की जाती है। बिल्व पत्र, दूध, शहद और जल चढ़ाकर भगवान शिव का आह्वान करके पूजा शुरू करें। मंत्र पढ़ें: पूजा के दौरान ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।

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