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पंजाब में जल संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अधिकारीयों ने जताई चिंता – वर्षा ना हुई तो पंजाब सहित हरियाणा भी होगा वंचित पानी से-

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            कृष्ण राज अरुण
—samajjagran 24tv.com —
चंडीगढ़ – भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने मानसून के बाद क्षेत्र में कम बारिश और बड़े बांधों वाले क्षेत्रों में बर्फ बनने के कारण पानी की उपलब्धता को लेकर सावधानी बरती है। बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो इस ठंड के मौसम में ज्यादा बारिश नहीं हुई तो पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों को गर्मियों में पानी और बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। BBMB के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि हमने अपने सदस्य राज्यों से आने वाले महीनों में पानी की मांग का अनुमान लगाने में सावधानी बरतने को कहा है।
यहां बतादें कि अधिकारीयों की चिंता वाजिब है क्योंकि खासकर यह पंजाब के लिए खतरे की घंटी है। एक तरफ बड़े पैमाने पर ट्यूबवेलों के जरिए जमीन से पानी निकाला जा रहा है तो दूसरी तरफ नदियां भी अपने सूखे तटों पर पहुंच गई हैं। आपको बता दें कि 5 राज्य पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान BBMB के सदस्य हैं, जो भाखड़ा और पोंग बांधों से पानी लेते हैं। भाखड़ा बांध में बुधवार को जलस्तर 1,633 फीट दर्ज किया गया, जो पिछले साल से करीब 15 फीट कम है। वहीं, पौंग बांध में जलस्तर पिछले साल से करीब 18 फीट कम है। पंजाब के बांधों में पानी लगातार कम होता जा रहा है। इससे न केवल जल संकट बढ़ेगा बल्कि बिजली उत्पादन भी कम होगा। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने एक चेतावनी जारी की है, जो बेहद चौंकाने वाली है। साफ कहा गया है कि बांधों में पानी 10 से 15 फीसदी कम है।
सवाल गहरा है निरंतर वैज्ञानिकों की रिपोर्ट बताती है की गिलेशियर पिघलने से लेकर अन्य मौसमी मिजाज में वर्षा कमी से यह संकट चिंता जनक है। निरंतर टयुवेल का पानी धरती की कोख खाली होना भी चिंता जनक है। पानी बर्बादी पर लगाम जरूरी है। नदी से नदी जोड़ो मिशन को याद करें तो काफी योजनाएं बनी थी। 2002 में देश में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार थी .उन्होंने देश भर की नदियों को जोड़कर सिंचाई से लेकर बाढ़ की समस्या से निपटने की दिशा में कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे। लेकिन आज स्थिति अलग है इस पर जल पुरुष सहित समाज विज्ञानी कृषक मिलकर सरकार को भरोसा दे सकते हैं पानी की बर्बादी जागरूकता से रुकेगी सरकार ठोस कदम उठाये।

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