फायलेरिया संकट 74 करोड़ भारतियों पर -सतर्कता स्वछता जागरूकता जरूरी
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-समाज जागरण 24tv –
जानिये क्या है यह – क्यों जरूरी है बचाव हर तरह से –
फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। इसके कारण फ्लूइड रिटेंशन हो सकता है यानी शरीर के किसी हिस्से में फ्लूइड जमा हो सकता है। कई मामलों में तो इससे विकृति या विकलांगता भी हो सकती है।
इस बीमारी से जो अंग प्रभावित होता है, वह सूजकर भारी-भरकम हो जाता है। आमतौर पर इसके चलते पैर का आकार बहुत भारी हो जाता है। यही कारण है कि इसे एलिफेंटियासिस या हाथी पांव बीमारी भी कहते हैं। सामान्य बोलचाल की भाषा में लोग इसे फाइलेरिया कहते हैं। मौजूदा वक्त में भारत के 74 करोड़ लोगों को फाइलेरिया का रिस्क है। केंद्र व राज्य सरकारों में स्वस्थ्य मंत्रालय तेजी से जागरूरता पर जोर देने की खबरें काफी महत्व पूर्ण हैं। जीवित समाज संस्थाओं को भी इस विषय पर सहभागिता दिखानी चाहिए। –मौजूदा वक्त में भारत के 74 करोड़ लोगों को फाइलेरिया का रिस्क है।
सावधानी जरूरी अगर चूक गए तो बेहद दिक्ततें कटेंगी दिन रात –
गंदगी और मछर ना पनपने दें ऐसे सक्रमण धारी कीटाणु चाहे जो हों उनसे बचाव जरूरी है। खुद भी बचें पड़ोसी को भी बचाइए।
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