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चंडीगढ़ /दिल्ली / देहरादून – उद्यमिता के क्षेत्र में सोसल इंजीनियरिंग के कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न नंदा स्मृति में आगामी वर्ष 2025 से 2028 के मध्य गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन की संयुक्त पहल-सेंट्र्ल भारतसेवक की रणनीति तहत हरियाणा उत्तराखंड हिमाचल राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश के चयनित जिलों में विलेज चैम्पियन की तैयारी द्वारा जीवित समाज भागीदारी से एक मजबूत वैकल्पिक व्यवस्था समाज जागरूकता लक्ष्य में गौधन विकास लक्ष्य में राज्यों में गौधन योजना से प्राप्त उद्यम बाजार मजबूत करने के लिए तैयारी की जा रही है।
यह कदम भारतरत्न नंदा के परम शिष्य गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन की राष्ट्रीय कार्यसमिति चेयरमेन एवं सेंट्रल भारत सेवक समाज हरियाणा अध्यक्ष सहित राज्यों के प्रभारी अध्यक्ष श्री कृष्ण राज अरुण ने आज अपने जन्मदिन 28 अगस्त 2024 के खास अवसर पर मिडिया को जानकारी में घोषणा की अधिकृत जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पंजाब हिमाचल उत्तराखंड सहित प्रयोगात्मक पहल यह कदम भारत सरकार के एमएसएमइ मंत्रालय सहयोगी इन्टरपर्नर उद्यमी विकास योजना जनकल्याण केंद्र तहत योजना ग्राम दूतों की पहल से तैयारी की घोषणा की गयी है।
गाय गोबर , से गाय पेण्ट लकड़ियां ,टाइल्स ,चप्पलें ,दिए ,एक ऐसे बढ़कर एक आकर्षक मूर्तिया, सीमेंट , जैसे 100 उत्पाद बाजार में उतारा जाएगा। बकायदा जनकल्याण केंद्र हर गावों शहर में हार्ट बाजार सहित स्टोर तैयार किये जा रहे हैं।
श्री अरुण के अनुसार 2025 से इस योजना का लाभ यह होगा कई गोबर की टाइल्स और सीमेंट से गर्मियों में 8 डिग्री तापमान घटेगा। एसी लगाने की जरूरत कम होगी। ख़ास यह है कि यह टाइल्स घर के लिए बहुत फायदेमद हैं। इस टाइल्स से बने फर्श पर गर्मियों में नंगे पैर टहलने से ठंडक मिलती है। इसके साथ ही हमारे शरीर के अनुसार तापमान मिलता है। इतना ही नहीं, बिजली की बचत भी होती है। इसके जरिए शहरों में गांव जैसी कच्चे मिट्टी के घरों का आनंद उठा सकते हैं। यह टाइल्स घर की हवा को शुद्ध करती हैं, साथ ही यह प्रदूषण से मुक्त होती हैं। एक वर्ग फुट क्षेत्रफल में इसकी लागत 15 से 20 रुपए आती है।

अब मिलेगी जंगलों को कांक्रीट से मिलेगी मुक्ति-

उन्होंने बताया कि यदि सामान्य टाइल्स टूट भी जाए तो इसके बाद कांक्रीट के जंगल में तब्दील हो जाता है जबकि गोबर से बने टाइल्स टूटते भी हैं तो यह कांक्रीट के जंगल की तरह नहीं रहेगा। गोबर के टाइल्स मंदिर में या घरों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे घर में ठंडकता बनी रहेगी. इसके साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा भी मिलेगी।
वनों की अवैध कटाई बची रहे इसलिए गाय गोबर से कागज उद्योग कई क्वालटी में पैदा किया जाएगा। उन्होंने कहा की श शर्त राज्य कोई भी उन्हें पशुधन कृषि या एमएसएमइ विभागीय मंत्रालय देता है तो वे राज्य को आर्थिक सम्पन्नं राज्य और पशुधन को सड़कों पर आवारा गाय का संकट नहीं होने देंगे। रोजगार इस योजना से अलग कौशल विकास के मार्ग भी देंगे।
अनेक पुरुस्कारों से सम्मानित श्री अरुण ने कहा कि हम अगले ढाई साल प्रयोग के बाद 25 हजार करोड़ तक का बाजार बनाने वाले चैम्पियन पैदा किये जाएंगे। वे जल्द स्वस्थ होते ही इस वर्ष 2024 के दिसंबर अवार्ड कार्यक्रम में योजना की सेडो सीरीज जारी की जायेगी।

कार्यकर्म में रूचि सहभागिता इच्छुक 9802414328 जुड़ें ताकि चयन प्रक्रिया में समाज विकास शिल्पियों को देश की राजधानी में उच्च स्तर पर सम्मानित सूचि में शामिल किया जाएगा।

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