दिल्ली राजधानी में मोंकी पॉक्स खतरे को देखते ख़ास इलाज और इलाज व्यवस्था – समय रहते खतरे को समझें तुरंत नजदीक हॉस्पिटल जाएँ
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के आर अरुण
– samaj jagran 24tv –
राजधानी दिल्ली ब्यूरो – मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए एम्स ने पांच बिस्तर आरक्षित किए हैं। वहीं सफदरजंग अस्पताल में बुधवार को इसे लेकर उच्च स्तरीय बैठक होगी। सफदरजंग को मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए रेफरल अस्पताल बनाया गया है।
दिल्ली में डॉ. राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग, लोकनायक सहित अन्य अस्पताल भी अपने स्तर पर व्यवस्था तैयार कर रहे हैं।केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल को मंकीपॉक्स के लिए नामित हॉस्पिटल बनाया गया है।
यहां मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए आइसोलेशन वॉर्ड बनाए गए हैं-
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को मंकीपॉक्स वायरस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार, त्वचा पर चकत्ते (चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक) पड़ते हैं. मंकीपॉक्स मंकी पॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट, गले में खराश और खांसी आना. मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के 21 दोनों में अगर इनमें से कोई लक्षण दिखता है टी तुरंत डॉ की चिकित्सीय सलाह लेनी चहिये.
मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां हो सकती है जैसे आंख में दर्द या धुंधला दिखना, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द , पेशाब में कमी, बार बार बेहोश होना और दौरे पढ़ना जैसे दिक्कतें आती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अधिक जोखिम वाले व्यक्तियों पर मंकी पॉक्स के गम्भीर प्रभाव पड़ने की अधिक संभावना है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जिनकी इम्युनिटी कम हो, कोमोर्बिडिटी से ग्रसित लोग अधिक जोखिम वाले है स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंकीपॉक्स मनुष्य से मनुष्य में फैलाता है-
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