वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ऐसे हालात बन रहे हैं कि बहुत जल्द हिमयुग की शुरुआत हो सकती है.

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-के आर अरुण –
samaj jagran24tv.com
नई दिल्ली—चंडीगढ़ / हिमालय सहित दुनिया में मौसमी परिवर्तन संकेत गिलेशियर पिघलने की आहट कई हानिकारक परिणाम पर वैज्ञानिकों की चिंता जताई है। अजब गजब चेतावनी युक्त चेतना –पिघलते ग्लेशियर परिणाम से क्या हिमयुग लौट रहा!
10 डिग्री नीचे चला जाएगा तापमान, यकायक खतरनाक तरीके से बदलेगा मौसम का मिजाज -अतीत के पन्नों को पलटें दिखेगा कि हिमयुग धरती पर एक ऐसा वक्त भी था कि जब यूरोप, एशिया और अमेरिकी महाद्वीपों के कई इलाकों में भारी बर्फ छा गई थी. यहां तक कि गर्मियों में भी यहां बर्फ पिघलती नहीं थी. औसत तापमान 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया था और तब तमाम जीव-जंतु नष्ट हो गए थे. पूरा फसल चक्र और मौसम बदल गया था. लेकिन यहां अब व्ही इतिहास लौटने की मौसमी मिजाज बदलाव से चिंता की बात दिखती जा रही है कि एक बार फिर वही हिमयुग लौटने के संकेत मिल रहे हैं,अब फिर अगर ऐसा हुआ तो फसल से लेकर मौसम तक सबकुछ बदल जाएगा।
विज्ञानियों की मानें तो -धरती पर आखिरी बार हिमयुग करीब 20 हजार साल पहले आया था. लेकिन अब वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ऐसे हालात बन रहे हैं कि बहुत जल्द हिमयुग की शुरुआत हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो महासागरों में कई जगह पानी जम जाएगा. तमाम इलाके बर्फ की चादर में लिपट जाएंगे. अगर हम कहें कि कई इलाके अंटार्कटिका बन जाएंगे तो गलत नहीं होगा. यह बेहद चिंता की बात होगी।
संकेत रिसर्च पर विज्ञानियों की चिंता हैकि तापमान में बढ़ोत्तरी की वजह से तमाम ग्लेशियर पिघल रहे हैं. भारत समेत एशिया, अमेरिका और यूरोप के मानसून को ताकतवर बनाने वाली गल्फ स्ट्रीम जलधारा भी इससे कमजोर हो गई है. रिसर्च में पता चला है कि यह पिछले 1000 साल में सबसे खराब स्थिति में पहुंच गई है. और 2025 से ढहने लगेगी। धरती पर आखिरी बार हिमयुग करीब 20 हजार साल पहले आया था. लेकिन अब वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ऐसे हालात बन रहे हैं कि बहुत जल्द हिमयुग की शुरुआत हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो महासागरों में कई जगह पानी जम जाएगा. तमाम इलाके बर्फ की चादर में लिपट जाएंगे.

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