4 जुलाई भारतरत्न नंदा जी की 126 वीं जयंती से नैतिक वर्ष मनाने के लिए गांधी जयंती पर्व में गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन मानवता के वैज्ञानिकों को संगठित करेगा – नंदा फाउंडेशन के चेयरमेन कृष्णराज अरुण

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अध्यात्म प्ररेरित ऊर्जा प्रकृति का सबसे बड़ा निश्छल वातस्ल्य है –कैसे हम इस ऊर्जा के खेल को समझ कर और इसे मदद लेकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते है।ऊर्जा जो भी चाहते हैं उसके लिए ध्यान योग से खुद को स्वयं केंद्रित कर सकेंगे –
जब आध्यात्मिक मामलों पर वैज्ञानिक पद्धति लागू की जाती है,
अध्यात्म विज्ञान स्वतः ही प्रकट हो जाता है।
अध्यात्म विज्ञान सभी प्रकार के अध्यात्म का आधार है।
देश में जब जब व्यक्ति से होकरत समाज में अस्थिरता यानि सामाजिक असंतोष की स्थिति उतपन्न होगी उसकी समाप्ति के लिए केवल और केवल आध्यात्मिक विज्ञानं प्ररेरित समाजवाद सबसे बड़ा विकल्प है जो केवल आध्यात्मिक विज्ञानं के सहारे से ही डिजिटल युग में स्थिरता ला सकता है। आध्यात्मिक विज्ञान सभी मौजूदा धर्मों का आधार है– गुलज़ारीलाल नंदा फाउंडेशन के चेयरमेन कृष्णराज अरुण

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